Thursday, February 13, 2014

Kisi Ki Itni Aadat Na Banao Agar Saans Bhi Lo To Uski Jarurat Pade

Dhananjay Parmar
Dhananjay Parmar
ना जाने क्यु कोसते है लोग बदसुरती को..
बरबाद करने वाले तो हसीन चहेरे होते है..


Hi friend’s
This is just poem and shayari,
And Story



एक युवक क़रीब 20 साल के बाद विदेश से अपने
शहर लौटा था ! बाज़ार में घुमते हुए
सहसा उसकी नज़रें सब्जी का ठेला लगाये एक बूढे
पर जा टिकीं ! बहुत कोशिश के बावजूद भी युवक
उसको पहचान नहीं पा रहा था ! लेकिन जाने बार
बार ऐसा क्यों लग रहा था की वो उसे
बड़ी अच्छी तरह से जनता है ! उत्सुकता उस बूढ़े से
भी छुपी रही, उसके चेहरे पर आई अचानक मुस्कान
से वह युवक समझ गया था कि उसने युवक
को पहचान लिया था !
काफी देर ...की जेहनी कशमकश के बाद जब युवक
ने उसे पहचाना तो उसके पाँव के नीचे से
मानो ज़मीन खिसक गई ! जब युवक विदेश
गया था तो उस बुढे की एक बड़ी आटा मिल हुआ
करती थी, घर में नौकर चाकर I किया करते थे !
धर्म कर्म, दान पुण्य में सब से अग्रणी इस
दानवीर पुरुष को युवक ताऊजी कह कर
बुलाया करता था ! वही आटा मिल का मालिक और
आज सब्जी का ठेला लगाने पर मजबूर .. ?
युवक से रहा नहीं गया और वो उसके पास
जा पहुँचा और बहुत मुश्किल से रुंधे गले से पूछा :
"ताऊ जी, ये सब कैसे हो गया ...?"
भरी ऑंखें से बूढ़े ने युवक के कंधे पर हाथ रख
उत्तर दिया : "बच्चे अब बड़े हो गए हैं बेटा" !!


Dhananjay Parmar
Dhananjay Parmar
Kisi ki itni aadat na banao, Agar saans bhi lo to uski jarurat pade.

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