Dhananjay Parmar Teri Yado Ki Barish Me Aise Bheege Ham Ki Pata Hi Na Chala Kab Bimar Ho Gaye |
Hi friend’s
This is just poem and shayari,
And Story
अपनी संतान का दुःख
एक छोटे सा बच्चे ने अपने दादाँ से
पूछा - दादा जी मैं कैसे पैदा हुआ
कहां से आया।
तो दादाजी ने कहा “तेरी माँ एक दिन
थोड़ी सी मिट्टी ली,
उसे एक मटके
में डाला और ढंक कर रख दिया।
कुछ
दिन बाद ढक्कन
हटाया तो मुझे तुम उसमें मिले।“
बच्चे को सारी जानकारी होने पर
अपनी दादा के बताये की तरह ही किया। उसने
मिट्टी ली उसे एक मटके में
डाला और कुछ दिन के इंतजार के
बाद ढक्कन उठाकर
देखा तो पाया कि उसमें एक मेंढक
बैठा था।
बच्चे की आश्चर्य
की सीमा ना रही उसने उसे हाथ में
उठाया और देखने लगा,
बातें करने
लगा।
लेकिन मेंढक
को मौका मिला और वह कूद कर भागा।
बच्चा मेंढक के पीछे-पीछे और
मेंढक आगे-आगे।
बहुत देर तक बच्चा मेंढक
का पीछा करता रहा पर उसके एक बिल
में घुस जाने और हाथ में
नहीं आने पर निराश होकर बोला -
जी में तो आता है कि एक
बड़ा सा पत्थर लूं और तुझे कुचल
दूं - पर क्या करूं तू मेरी औलाद
है ना ...Dhananjay Parmar |