Hi dear friend's,
liquor lobbying,
tobacco lobbying,
child labor,
owner killing,
child pornographi,
मे किसी धर्म , भगवान के विरोध मे नही हु। मे सिर्फ़ मानवता के पक्ष मे अपना विचार व्यक्त कर रहा हु। दुनिया की तमाम ख़ुफ़िया एजंसी / ख़ुफ़िया एजंट , से मे व्यक्तीगत नीवेदन कर रहा हू की यदि वे इन विषयो पर काम करे , तो दुनिया का चहेरा कुछ और ही दिखेगा।
दुनिया मे कई नन्हे बचो को आज भी शिक्षा नही मिल रही हे , क्योकि सरकारी विद्यालय कम हे , और नीजी विद्यालय बहोत ज़यादा हे। दुनिया मे सभी १४ वर्ष की उम्र तक के गरीब नन्हे बचो को सरकार की तरफ से शिक्षा और २ वक़्त खाना मुफ्त देने का कानून होना चाहिए।
दुनिया मे कई गरीब बीमार मरीज़ के इलाज नहीं हो रहे , क्योकि सरकारी अस्पताल कम हे , और नीजी अस्पताल बहोत ज़यादा हे। दुनिया मे सभी चिकित्सक को उपाधि के बाद , अपने जीवन के पहले १५ वर्ष , सरकारी अस्पताल मे काम कर ने का कानून होना चाहिए। दुनिया मे सभी सरकार , गरीब बीमार मरीज़ के इलाज पर पूरा खर्च भुगतान करे।
दुनिया मे १८ वी सदी के बाद बने सभी धर्म के धार्मिक स्थल को तोड़ देना चाहिए। उनकी सभी जगहों , उनको मिली सभी आर्थिक मदद , पर सरकारी अधिकार होना चाहिए। उन सभी जगहों पर सरकारी स्कुल , सरकारी अस्पताल , सरकारी बगीचे , बनवाने चाहीये। उन धर्म के नाम पर चलने वाली संस्था पर हमेशा के लिए प्रतिबंध होना चाहिये। दुनिया के कोई भी धर्म मे पुरष / स्त्री ,के साधू जीवन आपनाने के लिए २१ वर्ष की उम्र का कानून होना चाहिए। दुनिया मे बचों के साधू जीवन अपनाने पर प्रतिबंध होना चाहिये।
Dhananjay Parmar
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Read Please ..............................
सिर्फ मेरे लिए एक काम कर दीजिए इस पोस्ट को जितना हो सके share ...........
आपका बहुत बहुत आभार होगा मुझ पर................
.आपसे विनती है अगर आगे से कभी आपके घर में पार्टी / समारोह हो और खाना बच जाये या बेकार जा रहा हो तो बिना झिझके आप
1098 (केवल भारत में )पर फ़ोन करें - यह एक मजाक नहीं है - यह चाइल्ड हेल्पलाइन है । वे आयेंगे और भोजन एकत्रित करके ले जायेंगे। कृप्या इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें इससे
... उन बच्चों का पेट भर सकता है कृप्या इस श्रृंखला को तोड़े नहीं
..... हम चुटकुले और स्पाम मेल अपने दोस्तों और अपने नेटवर्क में करते हैं ,क्यों नहीं इस बार इस अच्छे सन्देश को आगे से आगे मेल करें ताकि हम भारत को रहने के लिए दुनिया की सबसे अच्छी जगह बनाने में सहयोग कर सकें -
'मदद करने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होंठो से अच्छे होते हैं'- हमें अपना मददगार हाथ देंवे । भगवान की तसवीरें फॉरवर्ड करने से किसी को गुड लक मिला या नहीं मालूम नहीं पर एक मेल अगर भूखे बच्चे तक खाना फॉरवर्ड कर सके तो यह ज्यादा बेहतर है. कृपया क्रम जारी रखें |
इंसानियत की ज़मानत की जाए
कश्मीर मसला हो या इजराइल-फिलिस्तीन की खुनी जंग या फिर इराक और अफ़ग़ानिस्तान में चल रहे युद्ध या फिर अफ्रीका में नरसंहार, हर तरफ दर्द ही दर्द है. क्यूँ कोई इनका हल नहीं ढूंढ पाता? या फिर हम ढूंढना ही नहीं चाहते? और सबसे बड़ी बात की हम खुद कितने ज़िम्मेदार हैं इन मसलों को बढावा देने के लिये या अपनी कौम, अपने धर्म, अपनी जिद्द के आगे दूसरों के जज़बातों को ना समझने के लिये?
क्या ये सच नहीं की हममे से एक-एक ज़िम्मेदार है अपने चारों तरफ के माहोल के लिये? हममें से कितने लोग अपने आसपास अमन की बहाली की कोशिश करते हैं, अमन और प्यार की मिसाल बनने की कोशिश करते हैं? हमारी छोटी-छोटी दुनिया ही तो बड़ी दुनिया बनाती हैं. यह दुनिया बेचारी तो हम इंसानों से ही अपनी पहचान बनाती है
दुनिया की क्या औकात है
जो उससे शिकायत की जाए,
अपनी नासमझी और खुदगर्ज़ी है
की जिनसे बगावत की जाए
खुद ही मुसलसल दर्द देतें हैं खुद को,
इस फ़िराक में के उनके दर्द में मुनाफिअत की जाए
कैसे इब्तिदा-ऐ-अमन की वकालत की जाए
इतना जज़्बा के बदल जाता है वेह्शत में,
ऐसे में, किस तरह दरख्वास्त-ऐ-मोहब्बत की जाए?
इतनी मोहब्बत दे दिलों में, ऐ खुदा
के कम से कम इंसानियत की ज़मानत की जाए
क्यूँ सरहदों के मसले सुलझते नहीं?
कैसे सुकून से घरों में रहने की आदत की जाए?
एक टीस सी उठती है मेरे दिल में इंसानों की हरकतों पे
कोई बताए, इन्सां होकर कैसे इंसानों से अदावत की जाए?
खुदा भी करता होगा इंतज़ार उस वक़्त का,
के अंजाम-ऐ-तमाशा हो और क़यामत की जाए
कुर्बानी ही ज़रूरी है तो यह ही सही,
नफरत, खौफ, और खुद-पसंदी की शाहादत की जाए
World Food Programme
DONATE AND SAVE LIVES
we respects worldwide all - SECRET SERVICE, INTELLIGENCE AGENCIES, ARMY, NAVY, AIR FORCE,
ऐसी अदा-ऐ-गुज़ारिश
मुझमें है
ये पंक्तियाँ हर उस दिल के लिए हैं जो ख्वाब देखता है एक बेहतर कल के लिए और उसे पूरा करने के लिए वो खुद ज़िम्मेदारी उठा लेता है... दूसरा कोई कदम उठाये या ना उठाये वो पहला कदम उठा लेता है... और जब पहला कदम मजबूती और इमानदारी से बढाया जाता है खुदा के साथ-साथ कारवां भी साथ हो लेता है...
मेरा ही कदम पहला हो,
उस जहाँ की तरफ, जिसकी ख्वाहिश मुझमें है
जो ख्वाब उन सूनी आँखों ने देखा ही नहीं,
उसे पूरा करने की गुंजाइश मुझमें है
खुदा को आसमानों में क्यूँ ढूंडा करूँ?
जब उसकी रिहाइश मुझमें है
एक कारवाँ भी साथ हो ही लेगा,
ऐसी अदा-ऐ-गुज़ारिश मुझमें है
खुदगर्ज़ी की लहर में बर्फ हुए जातें हैं सीने,
दिलों के पिघलादे,
वो गर्माइश मुझमें है
मेरे ख्वाबों,
मेरे अरमानों के लिए औरों को क्यों ताकूँ?
इनकी तामीर की पैदाइश मुझमें है
मौत पीठ थपथपाए अंजाम-ऐ-ज़िन्दगी यूँ हो,
खुद से ये फरमाईश मुझमें है we love all orphan children,
and friend's don't waste food,
i am support
lasbian,
gay,
transgender,
Prostituit, Porn Star, Bar Girls,
people life.
Take Care, Thank You,
"JAAN SE ZAYADA KAAM"
Founder
DHANANJAY PARMAR
वेश्यावृत्ति से जुड़ी एक ऐसी सच्चाई, जिससे बहुत लोग अंजान होंगे!
वेश्यावृत्ति जिसका नाम सुनते ही एक ऐसी छवि उभरती है, जिसे समाज में हेय नजर से देखा जाता रहा है। यहां तक की भारत सरकार ने इसे प्रतिबंधित भी कर रखा है। लेकिन क्या आपको पता है कि आज से लगभग 2,500 साल पहले वेश्यावृत्ति जायज हुआ करता था। साथ ही इसके बदले वेश्याओं को राज्य में टैक्स भी देना पड़ता था। यकीनन आप इससे इत्तेफाक न रखते हों, लेकिन यह सच है।आज से लगभग 2,500 साल पहले मौर्य शासन काल में ऐसी प्रथा थी। तब नगर के लोग इन वेश्याओं के पास जाते थे और उनपर पैसे भी लुटाते थे। इन वेश्याओं की कमाई भी खूब होती थी ऐसे में इनसे इनकी कमाई के हिस्से से टैक्स लिया जाता था, जिसका राजकाज में उपयोग किया जाता था।यहीं नहीं मौर्य शासन काल में राजकाज को सही ढंग से चलाने के लिए कई दूसरी तरह के कर भी लगाए गए थे। इसमें शराब बनाने, नमक बनाने, घी-तेल पर, जानवरों को मारने, कलाकारों पर, जुआरियों और जुए घरों पर, मंदिरों में होने वाली आय पर, वेतन पाने वालों के साथ वेश्याओं को होने वाली आय पर भी टैक्स लगता था।बता दें कि मौर्य राजवंश (322-185 ईसापूर्व) प्राचीन भारत का एक राजवंश था। इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री चाणक्य (कौटिल्य) को दिया जाता है, जिन्होंने नन्द वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया। इस राजवंश ने भारत में लगभग 137 सालों तक राज्य किया था।साम्राज्य का शासन शुरूआती दौर में बिहार में था, जिसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आज के पटना शहर के पास) थी। चन्द्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की और तेजी से पश्चिम की तरफ़ अपना साम्राज्य का विस्तार किया था। इस दौरान चंद्रगुप्त ने अपने शासन को सही ढंग से चलाने के लिए कई तरह के नियम भी बनाए थे।
Dhananjay Parmar
“Tareekh
hazaron saal mein bas itni si badli hai,
Tab
dour tha pathar ka ab log hain pathar ke..” |
Take Care, Thank You,
"JAAN SE ZAYADA KAAM"
Founder
DHANANJAY PARMAR
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