Dhananjay Parmar Kia poochty ho tere hijar mein kya sochty hain
Saja
k tum ko ankhon mein sada sochty hain
Tere
wajood ko chu kar guzarti hai kabhi
Hum
us hawa ko b jannat ki hawa sochty hain
Ye
apne zarf ki baat hy ya faqat tera lehaaz
Tere
sitam ko muqaddar ka likha sochty hain
Mera
us shehr-e-adawat mein basera hai jahan
Log
sajdon mein b logon ka bura sochty hain |
Hi friend’s
This
is just poem and shayari,
सत्ता परिवर्तन से अच्छें दिनों की उम्मीद लगाये बेठे लोगों के लिए श्री सुरेन्द्र शर्मा की मशहूर कविता...
कोई फर्क नहीं पड़ता......
इस देश में राजा रावण हो या राम,
जनता तो बेचारी सीता है!
रावण राजा हुआ तो वनवास से चोरी चली जाएगी, और
राम राजा हुआ तो अग्नि परीक्षा के बाद फिर वनवास में भेज दी जाएगी।
कोई फर्क नहीं पड़ता!
इस देश में राजा कौरव हो या पांडव
जनता तो बेचारी द्रौपदी है!
कौरव राजा हुए तो चीर हरण के काम आयेगी, और
कोई फर्क नहीं पड़ता!
इस देश में राजा हिन्दू हो या मुसमान,
जनता तो बेचारी लाश है!
हिन्दू राजा हुआ तो जला दी जाएगी, और
मुसलमान राजा हुआ तो दफना दी जाएगी।
कोई फर्क नहीं पड़ता!