Dhananjay Parmar Rooh Tak Nilam Ho Jati Hai Bazar-E-Ishq Main Itna Aasaan Nahi Hota Kisi Ko Apna Bana Lena |
Hi friend’s
This is just poem and shayari,
सुन्दर कौन ...कैसा सौंदर्य ...
मैं खोज रही हूँ ..
जीवन की किताब में,
सौंदर्य के नए अर्थ... क्यूंकि..
बुनना चाहती हूँ नयी अभिलाषाएं
गढ़ना चाहती हूँ नयी परिभाषाएं
तुम मेरी मदद करोगे ना...
तो फिर तुम भी ढूढो ... अपनी अपनी किताबों में...
बदलते दौर के नए सन्दर्भ
खोजो ...कि आखिर क्या है सुन्दरता
क्या वही ... जो आँखों को भाए,और दिल में उतर जाये... या फिर वो .
जिसे देखने के बाद ,आँखों की नींद.. दिल का करार छिन जाये.. या वो
जिसे एक बार देखकर... बार बार देखने कि तमन्ना में.... दिल हातिमताई हो जाये ...मिस वर्ड-मिस यूनिवर्स -मिस इंडिया .
क्या नहीं करती, इन्ही सब परिभाषाओं का प्रतिनिधित्व..
जिसकी प्रेरणा से सजग है,हर नारी...
अपने सौंदर्य के प्रति,
तुम भी तो ऐसे ही सौंदर्य पर रीझते हो न...
क्या बोले.... नहीं...?
तो आओ.... देखना चाहोगे ....हिम्मत और हौसले के सौन्दर्य को...
निहारना चाहोगे... मौत को भी हराने वाली, जीवटता के सौंदर्य को ....
लक्ष्मी और शाइना परवीन के बारे में क्या कहोगे...?
या उनकी जैसी कई युवतियों के बारे में ...,
जिनके स्वर्ण से मासूम सौंदर्य को, किसीने गलाकर रख दिया...
अपनी तेजाबी नफरत में... ,
क्या हुआ डर गए... या सोच में पड़ गए
इनका सौंदर्य भी उतना ही कोमलतम था,
वही चमक ...वही नूर था,
आँखों में कुछ सपने भी थे
जो पूरे अभी करने भी थे......
अब न वो ऑंखें रही... न ही वो अरमान
क्यूं धरेही रहे ,प्रकृति के सब विधि विधान ,
लेकिन ...मेरा विशवास करो ....
वो नहीं ...यही सौंदर्य है
अनुकरणीय
सराहनीय
क्योकि खुद चेहरे की पहचान तक से
होकर बेज़ार.... इन्होने ही दिया है
नित- नए, कँवल -सौन्दर्य को.... निचिंत मुस्कराने का ऑज़ार
एक भरोसा ..
और कानून के रूप मेंदिया है... , अपनी गली... झुलसी... कुरूप ....कराहती ....त्वचा से भी....
देश की बेटियों को एक सौंदर्य -सुरक्षा कवच!
Credit : नीतू भारद्वाज
Dhananjay Parmar |
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